भारत सरकार द्वारा गठित 13 वें वित्त आयोग की संस्तुतियो के अनुपालन में वर्ष 2011 मे राज्य सरकार द्वारा ‘‘ उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड ‘‘ का गठन किया गया। उत्तर प्रदेश विधान मण्डल द्वारा पारित किए जाने के उपरान्त श्री राज्यपाल की स्वीकृत से ‘‘ उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड, अधिनियम 2011‘‘ दिनॉक 18 मार्च, 2011 को सर्व साधारण के सूचनार्थ राज्य सरकार के गजट में प्रकाशित कर अधिसूचित किया गया।
उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड के उद्देश्य एव कर्तव्यः
1. विभिन्न नगर पालिकाओं की वित्तीय क्षमता की समीक्षा करना और राजस्व के विभिन्न स्त्रोतों की दक्षता का मूल्यांकन करना, जिसमे इसमे वृद्वि की जा सके और नये स्त्रोतों का भी सृजन किया जा सके।
2. राज्य में नगर पालिकाओं की सभी सम्पत्तियों की गणना करना या गणना कराना और एक डाटाबेस विकसित करना।
3. सम्पत्ति और जलकर तथा अन्य राजस्व संसाधन प्रणाली की समीक्षा करना, नगर पालिकाओं की सम्पत्तियों का मूल्यांकन तथा ’कर’ की दरों और करेत्तर मदों के लिए उपयुक्त आधार सुझाना।
4. सम्पत्तियों के मूल्यांकन के लिएपारदर्शी प्रक्रिया को अभिकल्पित करना और सूत्रपात्र करना।
5. सम्पत्ति कर विवादों को न्याय निर्णीत करना।
6. मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और निष्पक्ष तुलना करने के लिए मूल्यांकनों के प्रकटीकरण को सुगम बनाना।
7. समय-समय पर कर प्रणाली के पुनरीक्षण के लिए तौर-तरीके संस्तुत करना।
8. राज्य सरकार के सरकारी बजट में वार्षिक कार्ययोजना प्रकाशित करना।
9. राज्य सरकार को नगर पालिकाओं की सम्पत्तियों के मूल्यांकन और नगरपालिका राजस्व कीअभिवृद्धि के लिए सलाह देना।
10. राज्य सरकार द्वारा अपेक्षा किए जाने पर अथवा नगरपालिकाओं द्वारा अनुरोध किए जाने पर संसाधनों में वृद्धि इत्यादि सेसम्बन्धित अन्य कृत्यों को निष्पादित करना।